प्रोफेशनल रेसलिंग के एक युग का अंत
रेसलिंग की दुनिया आज कुछ और अकेली हो गई है। “साबू” नाम ने दशकों तक रिंग्स में गूंज पैदा की, और अब वो आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई है। हार्डकोर रेसलिंग और एक्सट्रीम मुकाबलों के फैंस के लिए ये सिर्फ एक खबर नहीं है—ये एक पूरे युग का अंत है। साबू, जो रिंग में अपनी हदें पार करने के लिए मशहूर थे, अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनका जुनून और विरासत अमर रहेगी।
लेकिन क्या साबू सिर्फ एक क्रूर रेसलर थे? क्या वो केवल ECW के हिंसक मैचों के लिए जाने जाते थे? या उनके अंदर इससे कहीं ज्यादा गहराई थी?
आइए, इस पागलपन से भरी लेकिन यादगार जिंदगी का सफर शुरू करें।
साबू कौन थे? “हॉमिकाइडल, सुसाइडल, जेनोसाइडल” स्टार की विरासत
असल नाम टेरी माइकल ब्रंक, लेकिन दुनिया उन्हें साबू के नाम से जानती है। उन्होंने अपने चाचा, द ओरिजिनल शीख (जो खुद एक दिग्गज रेसलर थे), से ट्रेनिंग ली थी। लेकिन साबू ने कभी पारंपरिक तरीके से रेसलिंग नहीं की—उनका अंदाज़ था पूरी तरह अलग, बिलकुल अनदेखा।
साबू 1990 के दशक में ECW (Extreme Championship Wrestling) के जरिए फेमस हुए। उनके लिए दर्द कोई रुकावट नहीं थी—बल्कि एक ज़रिया था खुद को साबित करने का। चाहे वो कांटेदार तार हो, स्टील चेयर, या ऊंची सीढ़ियों से छलांग—साबू ने हर बार जोखिम उठाया।
उनके मैच chaotic यानी अराजक तो ज़रूर थे, लेकिन उस अराजकता में भी एक सुंदरता थी। कुछ ऐसा जैसे तूफान के बीच शांति ढूंढ़ लेना।
सिर्फ हार्डकोर नहीं—एक ग्लोबल लीजेंड
लोग सोचते हैं कि साबू सिर्फ ECW तक सीमित थे। लेकिन सच ये है कि उन्होंने पूरी दुनिया में रेसलिंग की—जापान, मैक्सिको, यूके, और अमेरिका की बड़ी कंपनियों जैसे WWE और TNA में भी।
यहाँ देखिए एक तुलना तालिका जहाँ उनकी अलग-अलग प्रमोशनों में भूमिका दर्शाई गई है:
| रेसलिंग प्रमोशन | प्रमुख उपलब्धियां | शैली / प्रभाव |
|---|---|---|
| ECW | ECW वर्ल्ड चैंपियन, टैग टीम चैंपियन | हार्डकोर स्टाइल के मास्टर |
| WWE | ECW रिवाइवल का हिस्सा, रेसलमेनिया 23 में मुकाबला | मेनस्ट्रीम एक्सपोजर, सीमित हिंसा |
| TNA (Impact) | रेवेन, एबिस और जैरेट से मुकाबले | बुजुर्ग योद्धा का रूप, हार नहीं मानी |
| जापान (FMW/NJPW) | बार्ब्ड वायर, एक्सप्लोजन मैच | इंटरनेशनल सम्मान, कल्ट हीरो |
| इंडी सीन | सैकड़ों छोटे प्रमोशनों में मुकाबले | नए रेसलर्स को प्रेरित किया, अनुभव साझा किया |
उनका असर रॉब वैन डैम, जॉन मोक्सली और डार्बी एलिन जैसे नए जमाने के रेसलर्स में साफ देखा जा सकता है। उन्होंने हार्डकोर रेसलिंग को नई परिभाषा दी।
हिंसा के पीछे एक शांत योद्धा
जिस तरह के पागलपन से भरे मैच साबू करते थे, आप सोचेंगे कि वो असल ज़िंदगी में भी वैसे ही होंगे। लेकिन नहीं—साबू शायद ही कभी माइक पर बोलते थे। उनका कैरेक्टर ही मिस्ट्री से भरा था। और फैंस को ये बात पसंद आई।
रिंग के बाहर, वो बेहद विनम्र और समर्पित व्यक्ति थे। उन्होंने कभी अपनी तकलीफों का रोना नहीं रोया। चोटें आईं, दर्द हुआ, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। और यही बात उन्हें एक असली योद्धा बनाती है।
रेसलिंग वर्ल्ड की प्रतिक्रियाएँ: भावुक श्रद्धांजलियाँ
साबू के निधन की खबर आते ही सोशल मीडिया पर जैसे सैलाब आ गया। हर कोई उन्हें याद कर रहा था, श्रद्धांजलियाँ दे रहा था।
कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएँ:
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टॉमी ड्रीमर: “अगर साबू नहीं होते, तो ECW कभी इतना बड़ा नहीं बनता। दोस्त, तुम्हारे दर्द को सलाम।”
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रॉब वैन डैम: “सिर्फ टैग टीम पार्टनर नहीं, वो मेरे जैसे ही थे। उन्होंने मुझे उड़ना सिखाया।”
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मिक फोली: “साबू सबसे निडर इंसान थे, जिन्हें मैंने रिंग में देखा।”
पूरी दुनिया की रेसलिंग प्रमोशंस ने उन्हें श्रद्धांजलि दी—10 बेल सैल्यूट, वीडियो ट्रिब्यूट, और फैंस की भावनाओं का सैलाब।
निष्कर्ष: साबू की लौ कभी नहीं बुझेगी
रेसलिंग में कई स्टार्स आते हैं और चले जाते हैं। लेकिन कुछ लोग इतिहास बना जाते हैं।
साबू एक लीजेंड थे—थोड़ा अलग तरह के। उन्होंने कभी ज्यादा बोलने की ज़रूरत नहीं समझी। उनकी भाषा थी दर्द, और उनकी कला थी हिंसा। उन्होंने हमें सिखाया कि बिना शब्दों के भी दिल जीतना मुमकिन है।
हम एक ऐसे इंसान को अलविदा कह रहे हैं जिसने हर नियम तोड़ा—और उसी में अपना नाम अमर कर दिया।
धन्यवाद, साबू। आप सच में अमर हैं।