क्या आपने कभी सोचा है कि WWE की रिंग के बाहर दिखने वाला ड्रामा असल में भी उतना ही तीखा होता है? WWE हॉल ऑफ फेमर JBL ने हाल ही में एक बड़े रहस्य से पर्दा उठाया—WWE की दो पूर्व महिला स्टार्स, मेलिना और शारमेल के बीच रियल लाइफ में तगड़ी दुश्मनी थी। ये सिर्फ स्क्रिप्टेड फ्यूड नहीं था, बल्कि असली गुस्सा और टकराव था जो कैमरे के पीछे भी जारी रहा।
JBL ने किया खुलासा
अपने Something to Wrestle पॉडकास्ट पर जॉन “ब्रैडशॉ” लेफील्ड ने इस दुश्मनी पर खुलकर बात की। उन्होंने साफ कहा, “उनके बीच सच में गर्मी थी। रियल हीट।” JBL ने याद किया कि कभी-कभी उन्हें खुद इन दोनों को शांत कराना पड़ता था। यानी मामला सिर्फ प्रोफेशनल कॉम्पिटिशन तक नहीं था—ये पर्सनल लेवल पर भी चला गया था।
फ्यूड की बैकस्टोरी
मेलिना और शारमेल दोनों ही 2000 के दशक की शुरुआत में WWE का हिस्सा बनीं। मेलिना 2004 में MNM ग्रुप के साथ आईं, जबकि शारमेल ने बुक्कर टी के साथ काम किया। अगस्त 2005 में SmackDown पर दोनों एकमात्र बार आमने-सामने आईं—एक टैग टीम मैच में। वहीं से उनके बीच की ऑन-स्क्रीन कहानी तो खत्म हुई, लेकिन बैकस्टेज तनाव की शुरुआत यहीं से मानी जाती है।
मेलिना 2022 में रॉयल रंबल में सरप्राइज़ एंट्री लेकर लौटीं, जबकि शारमेल को उसी साल WWE हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
स्क्रिप्टेड और असली दुश्मनी का फर्क
WWE के फैन्स आमतौर पर जानते हैं कि ज्यादातर फ्यूड स्क्रिप्टेड होते हैं। लेकिन जब बात मेलिना और शारमेल की हो, तो मामला असली गुस्से और टकराव का था। JBL के खुलासे ने उस अफवाह को सच साबित कर दिया जिसे लोग सालों से बैकस्टेज गॉसिप समझते थे। और जब कोई वेटरन ये कहे कि “मुझे शायद उन्हें अलग करना पड़ा”, तो आप समझ सकते हैं मामला कितना गंभीर रहा होगा।
मेलिना vs. शारमेल – एक तुलना
पहलू | मेलिना | शारमेल |
---|---|---|
WWE करियर | 2004–2011 (2022 में रिटर्न) | 2000 के दशक की शुरुआत, 2022 में हॉल ऑफ फेम |
ऑन-स्क्रीन भिड़ंत | सिर्फ एक मैच (SmackDown, 2005) | वही एक मैच (SmackDown, 2005) |
बैकस्टेज रिश्ते | शारमेल के साथ गंभीर टकराव | मेलिना के साथ गंभीर टकराव |
JBL की भूमिका | टकराव में बीच-बचाव करने का ज़िक्र | टकराव में JBL को हस्तक्षेप करना पड़ा |
निष्कर्ष
WWE में हर दुश्मनी सिर्फ एक्टिंग नहीं होती—कभी-कभी असली भावनाएं भी बीच में आ जाती हैं। मेलिना और शारमेल का बैकस्टेज टकराव इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। JBL के बयानों से यह साफ हो गया कि जो हमने स्क्रीन पर देखा, वो सिर्फ आधा सच था। असली कहानी पर्दे के पीछे थी—जहाँ ईगो, पर्सनालिटी क्लैश और टेंशन का घमासान चल रहा था।