रेसलिंग में महिलाओं के लिए सम्मान की लड़ाई
WWE सुपरस्टार रिया रिप्ली अब चुप नहीं बैठीं। चोट से वापसी के बाद जब उन्हें लगातार आलोचना झेलनी पड़ी, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर फैंस की दोहरी मानसिकता को लेकर जमकर लताड़ लगाई। उनका साफ-साफ कहना था: “महिलाएं बेहतर की हकदार हैं।”
रिया सिर्फ अपनी आलोचना को लेकर नहीं बोल रही थीं, बल्कि वो उस पूरे रवैये के खिलाफ थीं जो महिला रेसलर्स के साथ अपनाया जाता है। चाहे वो रिंग में परफॉर्मेंस हो या सोशल मीडिया पर चर्चा — महिला रेसलर्स को अक्सर गंभीरता से नहीं लिया जाता। रिया की यह अपील उन सभी के लिए थी जो सच में महिला पहलवानों का सम्मान करते हैं।
महिलाओं के लिए सम्मान की जंग अब भी जारी है
पिछले कुछ सालों में महिला रेसलिंग ने कई ऊंचाइयों को छुआ है, लेकिन अभी भी लड़ाई बाकी है। WWE के RAW 30वें एनिवर्सरी इवेंट में महिला दिग्गजों की गैरमौजूदगी और बेकी लिंच बनाम बैली मैच को रद्द किया जाना इसी का एक उदाहरण था।
फैंस ने इसे लेकर नाराजगी जताई और सोशल मीडिया पर #WWEWomenDeserveBetter ट्रेंड करने लगा। इससे साफ हो गया कि सिर्फ मंच पर लाना काफी नहीं है, उन्हें बराबर का सम्मान और मौके भी देने होंगे।
उपलब्धियां बहुत हैं, लेकिन संघर्ष भी जारी है
रिया रिप्ली मानती हैं कि महिला रेसलिंग ने कई बाधाएं पार की हैं। आज वो बड़े इवेंट्स की हेडलाइन करती हैं, टाइटल जीतती हैं, और ग्लोबल स्टार बन चुकी हैं। खुद रिया भी रॉयल रंबल जीत चुकी हैं और चैंपियन रह चुकी हैं।
लेकिन वो यह भी स्वीकार करती हैं कि महिला रेसलर्स को अब भी बराबर की स्टोरीलाइन, स्क्रीन टाइम और फैन रिस्पेक्ट नहीं मिलता। और यह तब तक नहीं बदलेगा, जब तक लोग मानसिकता नहीं बदलते।
फैंस के रवैये का असर
एक और बड़ी समस्या है फैंस का व्यवहार। रिया ने पब्लिकली कहा है कि कुछ फैंस उनके घर पर बिना बुलाए चले आते हैं या पर्सनल पते पर मेल भेजते हैं। ये न सिर्फ प्राइवेसी का उल्लंघन है, बल्कि इस बात को भी दिखाता है कि कुछ लोग महिला स्टार्स को इंसान नहीं बल्कि सिर्फ एक कैरेक्टर समझते हैं। ऐसा रवैया न केवल खतरनाक है बल्कि अपमानजनक भी।
पुरुष बनाम महिला रेसलिंग: एक तुलना
पहलू | पुरुष रेसलिंग | महिला रेसलिंग |
---|---|---|
मुख्य इवेंट मौके | अधिकतर मुख्य इवेंट्स में शामिल | बढ़ रही भागीदारी, लेकिन सीमित |
मर्चेंडाइज बिक्री | हाई डिमांड और प्रोमोशन | बढ़ती हुई मौजूदगी |
स्टोरीलाइन डेप्थ | गहरी और लंबे समय की | सुधर रही हैं, लेकिन अब भी असंगत |
फैंस की प्रतिक्रिया | आमतौर पर सकारात्मक | मिली-जुली; ज्यादा आलोचना होती है |
मीडिया कवरेज | व्यापक और लगातार | बढ़ रही है, लेकिन अब भी कम है |
निष्कर्ष
रिया रिप्ली की यह बेबाकी महिला रेसलिंग की सच्चाई को सामने लाती है। हां, प्रगति हुई है, लेकिन असली बराबरी अभी दूर है। जरूरत है कि फैंस, ऑर्गनाइजेशन और साथी रेसलर्स मिलकर महिला टैलेंट को आगे बढ़ाएं, उन्हें वह सम्मान दें जिसकी वो हकदार हैं। महिला पहलवान सिर्फ एंटरटेनर नहीं, वो फाइटर हैं रिंग में भी और रिंग के बाहर भी।